Rashifal 2017 is an exclusive AstroCAMP production, introduced to prepare yourself for the upcoming year from everything that may affect you in any way possible. Indian astrology or Hindu Astrology has been here for long now and it has been scientifically proven as well. At AstroCAMP, we provide the horoscope prediction with utmost precision. Find out how to take on the challenges that 2017 brings with itself and fight them off in style, with Rashiphal 2017 by your side.
एस्ट्रोकेम्प पेश करता है राशिफल 2017, पश्चिमी ज्योतिष विद्या की गणना पर आधारित इस भविष्यफल में है आपके जीवन से जुड़े तमाम पहलुओं की जानकारी। तो जानें अपना राशिफल और तोड़ें असफलताओं की बेड़ियां।
इस वर्ष विभिन्न ग्रहों के गोचर और राशियों में उनके संचरण से आपके जीवन पर इसका प्रभाव होगा। अप्रत्याशित और परिवर्तनकारी फल देने वाला ग्रह यूरेनस मेष राशि में स्थित होगा। वृद्धि कारक बृहस्पति तुला राशि में रहेगा। धनु राशि में शनि ग्रह संचरण करेगा। परिवर्तनशील प्लूटो मकर और रहस्यमयी नेपच्यून ग्रह मीन राशि में स्थित होंगे। साल के अतं में दो बड़े ग्रह बृहस्पति और शनि गोचर करेंगे। अक्टूबर में बृहस्पति ग्रह वृश्चिक राशि में प्रवेश करेगा। वहीं दिसंबर में शनि अपनी ही राशि मकर में संचरण करेगा। इसके अलावा यूरेनस, नेपच्यून, प्लूटो अपनी ही राशियों में स्थित होंगे, हालांकि ये ग्रह गोचर के दौरान कुछ राशियों में वक्रीय गति करेंगे।
(वे जातक जिनका जन्म 21 मार्च से 20 अप्रैल के बीच हुआ है)
यूरेनस के प्रभाव से मेष राशि के जातक सालभर उत्साहित और ऊर्जावान रहेंगे। साल की शुरुआत में मंगल के गोचर और यूरनेस के प्रभाव से मेष राशि के जातकों के उग्र, विद्रोही और व्यक्तिवादी स्वभाव में सुधार देखने को मिलेगा। बृहस्पति के तुला राशि में होने से आंतरिक संघर्ष बढ़ेगा जिसका प्रभाव व्यक्तिगत और सामाजिक संबंधों पर पड़ेगा। हालांकि फरवरी की शुरुआत में शुक्र के गोचर से तनाव कम होगा। अक्टूबर में शुक्र और मंगल के तुला राशि में गोचर करने और वृश्चिक राशि में बृहस्पति के प्रवेश के बाद नए अवसर मिलेेंगे, नए रिश्ते और गठबंधन होंगे। प्लूटो जो कि परिवर्तन और रहस्यमयी ज्ञान का स्वामी है 10वें भाव में मकर राशि में बैठकर कार्यक्षेत्र और सामाजिक स्तर पर बड़े बदलाव लाएगा, साथ ही व्यापार और व्यवसाय में भी परिवर्तन देखने को मिलेंगे। वहीं जनवरी में बुध के प्रवेश और सूर्य व प्लूटो के साथ होने से, बुध के प्रभाव से कार्यक्षेत्र में बड़ा परिवर्तन और वृद्धि होगी। 10वें भाव का स्वामी शनि 11वें भाव में यूरेनस के साथ 120 अंश के कोण पर स्थित है, जो करियर से जुड़ी महत्वाकांक्षा में सफलता दिलाएगा। अगर बेवजह के कामों में ऊर्जा नहीं लगाएंगे तो इससे स्वास्थ्य बेहतर रहेगा। आर्थिक मोर्चे पर भी सामान्य अनुपात में आवक-जावक बनी रहेगी। साल के शुरुआती 6 महीनों में भाषाशैली को लेकर सावधानी बरतें। क्योंकि बुध की वक्रीय चाल का असर आपके करियर या घरेलू मामलों पर पड़ सकता है। गलतफहमी और गलत बयानी की वजह से हालात और बिगड़ सकते हैं।
(वे जातक जिनका जन्म 21 अप्रैल से 21 मई के बीच हुआ है)
वृषभ राशि में साल के ज्यादातर समय में बृहस्पति, शनि, प्लूटो, यूरेनस और नेपच्यून अलग-अलग भावों में गोचर करेंगे। बृहस्पति की द्ष्टि और ऊर्जा स्वास्थ्य, नौकरी और छठवें भाव से जुड़ी मुश्किलों पर होगी। इस वर्ष होने वाले ग्रहों के गोचर से आपके व्यवहार, द्ष्टिकोण और कार्य से जुड़ी मान्यताओं में रचनात्मक परिवर्तन आ सकता है साथ ही स्वास्थ संबंधी कुछ समस्याएं भी हो सकती हैं। शनि 8वें भाव में बैठा है जो यह दर्शा रहा है कि आस्था और सामाजिक मामलों में संघर्ष करना पड़ेगा। शनि और बृहस्पति के 60 अंश के कोण पर स्थित होना छठवें और आठवें भाव से जुड़े मामलों में संतुलित और लाभकारी होगा। प्लूटो के 9वें भाव में मकर राशि में होने और नेपच्यून के 11वें भाव में मीन राशि में होने से आत्मविश्वास में बढ़ोतरी होगी। जून के बाद का समय अच्छा और आपकी मुठ्ठी में होगा। शुक्र और बुध के गोचर से मुश्किल हालातों से निपटने और उन्हें सुलझाने में आसानी होगी। आय और बचत में बढ़ोतरी होगी साथ ही अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। 10वें घर के स्वामी यूरेनस के 12वें भाव में मेष राशि में होने से साल के अंत में कई ऐसे अवसर मिलेंगे जिनकी मदद से करियर से जुड़े लक्ष्यों को प्राप्त करने में आसानी होगी। बृहस्पति का वृश्चिक में गोचर होने से विदेशी फर्मों से संबंध बन सकते हैं और उनसे होने वाले करार लाभकारी साबित हो सकते हैं।
(वे जातक जिनका जन्म 22 मई से 21 जून के बीच हुआ है)
मिथुन राशि के जातक इस वर्ष व्यक्तिगत और सामाजिक कार्यक्रमों में व्यस्त रहेंगे। इन आयोजनों में शामिल होकर वे खुश और आनंदित महसूस करेंगे। बृहस्पति 7वें भाव में धनु राशि के स्वामी होकर 5वें भाव में तुला राशि में गोचर कर रहे हैं। इस द्ष्टि से व्यक्तिगत और व्यवसायिक संबंधों में लाभ मिलता दिख रहा है। यूरेनस जो 9वें भाव में भाग्य, शिक्षा और यात्रा का स्वामी है वह 11वें भाव में मेष राशि में बैठा है। यह दर्शा रहा है कि लक्ष्यों को लेकर आशा और महत्वकांक्षाएं बढ़ेंगी। बृहस्पति और यूरनेस 60 अंश के कोण पर स्थित होकर सकारात्मक प्रभाव दिखा रहे हैं और 5वें व 11वें भाव में बड़े परिवर्तन के संकेत दे रहे हैं। जब तक बृहस्पति और यूरेनस की द्ष्टि एक-दूसरे पर है, ये नए विचारों का आदान-प्रदान, कल्पनाएं, क्रांतिकारी अवधारणाएं और नए रिश्तों को बनाने में मदद करेंगे। नेपच्यून 10वें भाव में अपनी ही राशि मीन में स्थित है, इसलिए करियर से जुड़े सपनों को पूरा करने के लिए सलाह लेकर काम करें। 8वें भाव के स्वामी शनि देव 7वें भाव में गोचर कर रहे हैं, इस स्थिति में रिश्तों में तनाव और विवाद पैदा हो सकता है, खासकर वैवाहिक जीवन पर इसका असर पड़ सकता है। हालांकि 7वें भाव के स्वामी बृहस्पति के 5वें भाव में गोचर करने से कोई हानि नहीं होगी। 6वें भाव के स्वामी प्लूटो 8वें भाव में गोचर कर रहे हैं जो स्वास्थ्य, इंश्योरेंस से संबंधित है। जनवरी, अप्रैल, अगस्त और दिसंबर में सावधान रहने की जरुरत है। क्योंकि आपकी राशि के स्वामी बुध वक्रीय गति करेंगे। बुध की वक्रीय चाल होने से संचार-संवाद से जुड़ी परेशानी होगी। गलतफहमी और भ्रम की स्थिति होने से घर और व्यक्तिगत मामलों में तनाव पैदा होगा। वर्ष के उत्तरार्द्ध में 7वें भाव के स्वामी बृहस्पति 6वें भाव और 8वें भाव के स्वामी शनि अपने ही भाव में गोचर करेंगे। इस समय में व्यक्तिगत मामलों और रिश्तों में परिपक्वता दिखाएं।
(वे जातक जिनका जन्म 22 जून से 21 जुलाई के बीच हुआ है)
कर्क राशि में छठवें भाव के स्वामी बृहस्पति चौथे भाव में तुला राशि में होंगे और 8वें भाव के स्वामी यूरेनस 10वें भाव में मेष राशि में परस्पर आमने-सामने होंगे। इस स्थिति में वर्ष 2017 कर्क राशि के जातकों के लिए लाभदायक रहेगा। हालांकि छठवें भाव के स्वामी बृहस्पति की वजह से स्वास्थ्य और व्यक्तिगत व घरेलू मोर्चे पर परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। वहीं यूरेनस जो कि स्वभाव से अप्रत्याशित और परिवर्तनकारी फल देने वाला ग्रह है, 8वें भाव में स्थित है। यह दर्शाता है कि व्यवसायिक क्षेत्र में अप्रत्याशित और अचानक लाभ अथवा हानि हो सकती है। यूरेनस और बृहस्पति का परस्पर पर होना मंगलकारी और शिखर तक ले जाने वाला है। 7वें भाव का स्वामी शनि छठवें भाव में बैठा है जिसकी वजह से रिश्तों में अनबन और विवाद बढ़ सकते हैं। प्लूटो जो 5वें भाव में वृश्चिक राशि का स्वामी है इसके 7वें भाव में मकर राशि में होने से यह आपके लिए रक्षक साबित होगा। प्लूटो एक अंर्तज्ञानी और परिवर्तनकारी ग्रह है यह व्यक्तिगत मामलों में शुरुआती संघर्ष के बाद स्थायित्व और समझ विकसित करेगा। 9वें भाव में मीन राशि का स्वामी नेपच्यून जीवन से जुड़े मसलों को हल करने में धैर्य प्रदान करेगा। साल के मध्य में प्लूटो और नेपच्यून के वक्रीय गति करने से सुख-शांति भंग होगी और हालात पर काबू पाने के लिए ज्यादा प्रयास करने होंगे। फरवरी और अगस्त में होने वाले दो चंद्र ग्रहण से सावधान रहने की जरुरत है। फरवरी में चंद्र ग्रहण के बाद धन, विरासत और संचार से जुड़े मामलों में हानि हो सकती है। वहीं अगस्त में होने वाला चंद्र ग्रहण आर्थिक और नौकरीपेशा जातकों के लिए लाभकारी होगा। साल के अंत में जब छठवें भाव के स्वामी बृहस्पति 5वें भाव में वृश्चिक राशि में जाएंगे। इस दौरान सृजनात्मक व्यवहार और शिशु जन्म से जुड़ी परेशानी हो सकती है लेकिन 7वें भाव के स्वामी शनि मकर राशि में होंगे। यहां शनि 5वें भाव में प्लूटो के साथ युति बनाएंगे, जिसकी वजह से रिश्तों में सुधार होगा।
(वे जातक जिनका जन्म 22 जुलाई से 21 अगस्त के बीच हुआ है)
यह साल रचनात्मक अभिव्यक्ति और क्रिएटिव काम और उन्हें पूरा करने के लिए अच्छा साबित होगा। क्योंकि 5वें भाव का स्वामी बृहस्पति तीसरे भाव में तुला राशि में बैठा है। यूरेनस 7वें भाव में होकर 9वें भाव में मेष राशि में स्थित है, जो यात्रा और धार्मिक कार्यों में साझेदारी के संकेत दे रहा है। यूरेनस और बृहस्पति का परस्पर पर होना आपके पक्ष में होगा। इस दौरान सिंह राशि के जातक उच्च शिक्षा, यात्रा और धार्मिक आयोजनों की तैयारी कर सकते हैं। चौथे भाव में वृश्चिक राशि का स्वामी छठवें भाव में मकर राशि में स्थित है। यह आपके घर, स्वास्थ्य और कामकाज से जुड़ा है। वहीं छठवें भाव के स्वामी शनि के 5वें भाव में होने से नकारात्मक सोच बढ़ेगी और यह व्यक्तिगत जीवन में तनाव पैदा करेगी लेकिन बृहस्पति और शनि के 60 अंश के कोण पर होने से तनाव में कमी आएगी। इसकी वजह से व्यक्तिगत और घरेलू मोर्चे पर बदलाव भी हो सकते हैं, जो आपके पक्ष में नहीं होंगे। 8वें भाव के स्वामी नेपच्यून अपनी ही राशि में संचरण कर रहे हैं जो 8वें भाव से जुड़े मसलों जैसे अनजान स्त्रोत के जरिए अचानक धन प्राप्ति का योग बनाता है। इस साल फरवरी और अगस्त में होने वाले दो सूर्य ग्रहण के बाद सतर्क रहने की जरुरत है। फरवरी में होने वाले सूर्य ग्रहण की वजह से अनहोनी और कष्ट हो सकते हैं। अगस्त में होने वाला पूर्ण सूर्य ग्रहण सिंह राशि के जातकों के लिए किसी बड़े परिवर्तन का कारक बनेगा, जो आपकी मौजूदा धारणा को बदल देगा। धर्म और आस्था से जुड़े विषयों को लेकर मन में तरह-तरह के नए और विरोधाभासी विचार उत्पन्न होंगे। साल के अंतिम महीनों में 5वें भाव के स्वामी बृहस्पति तीसरे भाव से चौथे भाव में प्रवेश करेंगे। व्यक्तिगत जीवन में अशांति पैदा होने से रिश्तों में अस्थिरता आएगी। बृहस्पति और नेपच्यून के 120 अंश के कोण पर होने से 8वें भाव से जुड़े मामलों में सकारात्मकता देखने को मिलेगी।
(वे जातक जिनका जन्म 22 अगस्त से 21 सितंबर के बीच हुआ है)
बृहस्पति आपके चौथे भाव में स्थित धनु राशि का स्वामी होकर दूसरे भाव में तुला राशि में बैठा है। इस साल आर्थिक लाभ मिलेगा साथ ही परिवार और व्यक्तिगत मामलों में तरक्की होगी। वहीं मकर राशि का स्वामी शनि आपके 5वें भाव में होकर चौथे भाव में धनु राशि में स्थित है। इनके चौथे और पांचवें भाव में होने की वजह से आपको घरेलू मोर्चे पर सफलता मिलेगी, साथ ही किसी वस्तु का अधिग्रहण और नई खरीदी भी संभव है। बृहस्पति और शनि के मित्रत व्यवहार के चलते दूसरे, चौथे और पांचवें भाव से जुड़े मसलों में अच्छे संकेत देखने को मिलेंगे। प्लूटो वृश्चिक राशि का स्वामी आपकी राशि में तीसरे भाव में होकर 5वें भाव में मकर राशि में बैठा है जो आपके स्वभाव और रुढ़िवादी विचारों में बड़ा बदलाव लाने का संकेत दे रहा है। कुंभ राशि का स्वामी यूरेनस आपके छठे भाव में होकर 8वें भाव में मेष राशि में मौजूद है। यूरेनस के 8वें भाव में मेष राशि में होने की वजह से विस्फोटक स्थिति बन रही है। प्लूटो और यूरेनस की मौजूदगी से टकराव बढ़ेगा और तनावपूर्ण स्थितियां पैदा होंगी। हालांकि यूरेनस और शनि विवादित मसलों को सुलझाने में आपको शक्ति और सामार्थ्य प्रदान करेंगे। मीन राशि का स्वामी नेपच्यून 7वें भाव में बैठा है, जो साझेदारी से जुड़े मसलों में सामंजस्य बैठाने और उन्हें जारी रखने के लिए आपको प्रोत्साहित करेगा। नेपच्यून के 7वें और प्लूटो के 5वें भाव में बैठे होने से रिश्तों में प्यार बढ़ेगा और अलग-अलग द्ष्टिकोण होने के बावजूद सहमति का भाव होगा। कन्या राशि के जातक फरवरी में होने वाले सूर्य ग्रहण को लेकर सचेत रहें जिसका प्रभाव 7वें भाव में मीन राशि पर होगा। साल के अंत तक परिस्थितियां आपके पक्ष में होंगी। बृहस्पति जो चौथे भाव में होकर आपकी राशि में तीसरे भाव में वृश्चिक राशि में बैठकर 7वें भाव में मौजूद नेपच्यून के साथ अच्छे संकेत दे रहा है। शनि 5वें भाव में मकर राशि में भ्रमण कर रहा है, साथ ही तीसरे भाव में प्लूटो के साथ मिलकर अनुकूल परिस्थितियों का निर्माण कर रहा है। जनवरी, अप्रैल, अगस्त और दिसंबर में मंगल वक्रीय गति से गोचर करेगा। इस दौरान कन्या राशि के जातक बातचीत और लहजे को लेकर सावधानी बरतें।
(वे लोग जिनका जन्म 22 सितबंर से 22 अक्टूबर के बीच हुआ है)
इस वर्ष बृहस्पति आपकी राशि में तीसरे भाव में मौजूद है, बृहस्पति और शुक्र दोनों के प्रभाव से सकरात्मकता के संकेत मिल रहे हैं। बृहस्पति की कृपा से नई जिम्मेदारी मिलेगी, जो आपको परोपकारी और दयाशील बनाएगी। ज्योतिष गणना के अनुसार, बृहस्पति और शनि के मिश्रित प्रभाव से सृजनात्मक लेखन से जुड़े जातकों को लाभ होगा। यूरेनस 5वें घर में स्थित होकर 7वें भाव में मेष राशि में बैठा है, तुला राशि में मौजूद बृहस्पति उसे द्ष्टि दे रहा है, इसलिए जब तक बृहस्पति और यूरेनस परस्पर समानुभूति रखेंगे संबंधित दोनों राशियों के जातकों के बीच कोई विवाद पैदा होने नहीं देंगे। इसके अलावा शनि के चौथे घर में होकर तीसरे भाव में धनु राशि में होने से बृहस्पति और यूरनेस को और अधिक शक्ति मिलेगी। इसकी वजह से तीसरे भाव से जुड़े मसलों में तरक्की और वृद्धि होगी। यूरेनस के 7वें भाव में मेष राशि में होने से संबंधों में और मजबूती आएगी, साथ ही शनि की कृपा से रिश्तों में स्थायित्व आएगा। प्लूटो जिसके आपकी राशि में दूसरे घर में स्थित होकर चौथे भाव में मकर राशि में बैठे होने से वित्तीय, प्रॉपर्टी और जमीन अधिग्रहण से जुड़े मामलों में कामयाबी मिलेगी, साथ ही बचत, स्थायी संपत्ति, घरेलू मोर्चे से जुड़ी आशाएं पूरी होंगी और संतुष्ठि मिलेगी। नेप्चयून के 6वें भाव में मीन राशि में मौजूद होने से नौकरी पेशा जातक नई ऊर्जा और सकरात्मक द्ष्टिकोण के साथ आगे बढ़ेंगे। सेहत से जुड़े मामलों में चिंताएं बढ़ सकती है। प्लूटो और नेप्चयून के मित्रवत व्यवहार होने से संबंधित राशियों के रिश्तों में मधुरता आएगी और लाभ मिलेगा। साल के अंत में बृहस्पति वृश्चिक राशि में दूसरे भाव में प्रवेश करेंगे, जिसकी वजह से वित्तीय, बचत और अधिग्रहण से जुड़े मामलों में बड़ा लाभ मिलेगा। दूसरे घर में होकर प्लूटो मकर राशि में चौथे भाव में बैठा है, जो बृहस्पति के साथ वित्तीय मामलों में जबरदस्त परिवर्तनशील परिणाम देगा। शनि जो कि मकर राशि में चौथे भाव में भ्रमण कर रहा है, द्वितीय भाव में बैठे प्लूटो और बृहस्पति की मदद से वित्तीय मसलों के लिए लाभकारी होगा।
(वे लोग जिनका जन्म 23 अक्टूबर से 22 नवंबर के बीच हुआ है)
प्लूटो जो कि वृश्चिक राशि का स्वामी है, मकर राशि में तीसरे भाव होने से साल 2017 में बहुत ही महत्वपूर्णकारी होगा। धनु राशि का स्वामी बृहस्पति आपकी राशि में दूसरे भाव में होकर तुला राशि में 12वें घर में बैठा है, जो यह संकेत देता है कि बृहस्पति ब्रह्मांड के रहस्यों में रुचि और गुप्त वित्तीय मसलों से जुड़े मामलों में आपको ऊर्जा देगा।
बृहस्पति की परोपकारी प्रवृत्ति और धन के दूसरे भाव में बृहस्पति का प्रभाव होने से वृश्चिक राशि के जातक अस्पताल, मनोवैज्ञानिक संस्थाओं से जुड़े रहते हैं। शनि जो कि तीसरे भाव में संचार और ज्ञान का स्वामी है, जो वित्तीय संसधानों के संरक्षण और खर्चों पर नियंत्रण को दर्शाता है। यूरेनस जो कि कुंभ राशि का स्वामी है आपकी राशि के चौथे भाव में होकर मेष राशि में छठवें भाव में स्थित है। यह मानवीय कार्यों में आपकी रुचि को दर्शाता है। इनमें कल्याणकारी संस्थाएं और सामाजिक गतिविधियों से जुड़े कार्य शामिल हैं। यूरेनस और बृहस्पति की उर्जा के परस्पर होने से इसका असर घरेलू मोर्चे और व्यक्तिगत संबंधों पर दिखेगा। शनि जो कि बुद्धि का स्वामी है, यूरेनस के साथ 120 अंश के कोण पर होकर बृहस्पति के साथ 60 अंश के कोण पर स्थित है। मनोरंजन से जुड़े रचनात्मक कार्यों में योगदान देंगे। साल के अंत में बृहस्पति का वृश्चिक राशि में प्रवेश और प्लूटो व बृहस्पति के 60 अंश के कोण पर स्थित होने से वित्तीय योजनाओं से जुड़े मामलों में तीव्र गति से लाभ होगा साथ ही उत्साह और बेहतर कार्यशैली से उपलब्धि प्राप्त होगी। साल 2017 की ज्योतिष गणना के अनुसार बृहस्पति और नेपच्यून के 120 अंश के कोण पर होने से खुशियों में बढ़ोतरी होगी।
(वे जातक जिनका जन्म 23 नवंबर से 21 दिसंबर के बीच हुआ है)
धनु राशि के स्वामी बृहस्पति इस वर्ष ज्यादतर समय 11वें भाव में तुला राशि में गोचर करेंगे। बृहस्पति के स्वभाव के फलस्वरूप धनु राशि के जातक उग्र, उत्साही, भरपूर ऊर्जा से भरे और आदर्शवादी होते हैं। इस वर्ष बड़े स्तर पर बदलाव देखने को मिलेंगे। तुला राशि जिसका स्वभाव शांति और सद्भावपूर्ण है, बृहस्पति से मिलने वाली ऊर्जा का संतुलन बनाए रखेगी। इसकी वजह से जीवन में सुख-शांति बनी रहेगी। बृहस्पति के 11वें भाव में होने से नए दोस्त, सामाजिक और व्यवसायिक संपर्क बनेंगे। इन संपर्कों से लाभ होगा और नए लक्ष्य निर्धारित करेंगे। दूसरे भाव में स्थित शनि बृहस्पति से मिलने वाली ऊर्जा संग्रहित और स्थिर रखेगा, साथ ही बृहस्पति के आवेगी स्वभाव का विरोध करेगा और उस पर अंकुश लगाए रखेगा। इसके फलस्वरूप आप अनुशासनित रहेंगे और विवेक से काम लेंगे। शनि रूढ़िवादी और नियंत्रित नहीं होकर उदार और खुला स्वभाव प्रदर्शित करेंगे। आमदनी और धन संचय से जुड़े मसलों में तरक्की होगी। 12वें भाव में वृश्चिक राशि का स्वामी प्लूटो दूसरे भाव में मकर राशि में बैठा है। ये दर्शाता है कि गोपनीय माध्यमों से कमाई और बचत हो सकती है। तीसरे भाव में कुंभ राशि का स्वामी यूरेनस मेष राशि में 5वें भाव में स्थित है। इसके परिणामस्वरूप आप क्रिएटिव और कुछ बड़ा सोचेंगे। यूरेनस और कुंभ के प्रभाव से कुछ ऐसा होगा जो आपको वक्त से काफी आगे लेकर जाएगा। यूरनेस और शनि के 120 अंश के कोण पर स्थित होने से रिश्तों और सोचने की क्षमता पर असर पड़ेगा। नेपच्यून के चौथे भाव में मीन राशि में होने से पारिवारिक जीवन सामान्य तरीके से चलता रहेगा। अक्टूबर में बृहस्पति 12वें भाव में वृश्चिक राशि में प्रवेश करेगा। धनु राशि के जातक रहस्मयी ज्ञान की प्राप्ति के लिए लालायित होंगे। अगस्त में सूर्य ग्रहण का प्रभाव 9वें भाव पर होगा। इसके चलते धर्म और उससे जुड़ी सोच में बड़े बदलाव होंगे।
(वे लोग जिनका जन्म 22 दिसंबर से 20 जनवरी के बीच हुआ है)
आपकी राशि का स्वामी शनि 12वें भाव में धनु राशि में स्थित है। इस वर्ष ग्रह भावों की स्थिति से शनि के स्वभाव के प्रभाव का असर आपके जीवन पर पड़ेगा। जीवन की रफ्तार सामान्यत: सुस्त रहेगी और धीरे-धीरे इसमें वृद्धि होगी। शनि के नियंत्रण रखने की इच्छाशक्ति पर असर होगा। शनि को धनु और बृहस्पति का साथ मिलने से दर्शन शास्त्र और रहस्यमयी विद्या की ओर झुकाव बढ़ेगा। धनु राशि का स्वामी बृहस्पति 12वें भाव में होकर 10वें भाव में तुला राशि में बैठा है। ये दर्शाता है कि नौकरी और व्यवसाय में परिवर्तन और लाभ के योग बन रहे हैं। वृश्चिक राशि के स्वामी प्लूटो के 11वें भाव में मकर राशि में होने से संपर्क और संबंध मजबूत होंगे। नेपच्यून का मीन राशि में तीसरे भाव में होना संचार और रुचियों से जुड़ा है यहां 60 अंश के कोण पर प्लूटो के साथ त्रिकोण बना रहा है। इसके परिणामस्वरुप मानसिक स्तर में परिवर्तन आएगा। साल के अंत में बृहस्पति के वृश्चिक राशि में गोचर होने से भी कई बदलाव आएंगे।
(वे लोग जिनका जन्म 21 जनवरी से 19 फरवरी के बीच हुआ है)
आपकी राशि का स्वामी यूरेनस बेहद उग्र और अस्थिर स्वभाव का है, जो कि आपके तीसरे भाव में मेष राशि में बैठा है। इसके फलस्वरूप आशावादी और क्रांतिकारी विचार उत्पन्न होंगे और कुंभ राशि के जातकों को जबरदस्त ऊर्जा मिलेगी। धनु राशि के स्वामी बृहस्पति आपकी राशि के 11वें भाव में होकर 9वें भाव में तुला राशि में बैठे हैं। इस स्थिति में बृहस्पति की कृपा से 9वें भाव से जुड़े कार्यों में प्रगति और संतुलन बना रहेगा। बृहस्पति और यूरेनस के परस्पर होने से किसी विवाद और विचारों में विरोधाभास की स्थिति पैदा नहीं होगी। नेपच्यून के दूसरे भाव में मीन राशि में होने से धन और साजो सामान से जुड़े मामलों में कोई अड़चन पैदा नहीं होगी। जब साल के बीच में बृहस्पति देव वृश्चिक राशि में जाएंगे। इस दौरान बौद्धिक स्तर पर हलचल रहेगी, अत: इस समय सोच समझकर और आत्म विश्लेषण कर चलना होगा। इस वर्ष होने वाले सूर्य और चंद्र ग्रहण के फलस्वरूप कई घटनाएं घटित होंगी और बदलाव देखने को मिलेंगे।
(वे लोग जिनका जन्म 20 फरवरी से 20 मार्च के बीच हुआ है)
मीन राशि के स्वामी नेपच्यून सालभर अपनी ही राशि में भ्रमण करेंगे। इसके फलस्वरूप मीन राशि के जातकों को आत्मबल मिलेगा। स्वभाव और आदतों में बदलाव होगा, यही आपकी शक्ति का स्त्रोत होगा। फरवरी में होने वाले सूर्य ग्रहण से जीवन में आंतरिक मंथन और सकारात्मक बदलाव होंगे। सूर्य ग्रहण की वजह से समस्त ग्रहों की चाल पर असर पड़ेगा, जिसका प्रभाव आपकी राशि पर सालभर देखने को मिलेगा। प्लूटो जो कि आपके 9वें भाव में होकर 11वें घर में मकर राशि में बैठा है, नेपच्यून के साथ 60 अंश के कोण पर स्थित है। इस स्थिति में कोई बड़ा परिवर्तन और उत्थान की संभावना बन रही है। प्लूटो जो कि वृश्चिक राशि का स्वामी है मीन राशि के साथ त्रिकोण बना रहा है। इससे आध्यात्मिक और रहस्मयी ज्ञान में बढ़ोतरी होगी। शनि जो मकर राशि का स्वामी है आपके 11वें भाव में होकर 10वें घर में धनु राशि में बैठा है। इसके परिणामस्वरूप करियर के क्षेत्र में सफलता मिलेगी, सामाजिक प्रतिष्ठा और सम्मान में बढ़ोतरी होगी। वर्ष के उत्तरार्द्ध में नेपच्यून वक्रीय गति करेगा लिहाजा मनोवैज्ञानिक और भावनात्मक स्तर पर बदलाव होंगे।
हम आशा करते हैं कि नूतन वर्ष 2017 आपके जीवन में खुशियां लेकर आए और यह साल आपके लिए मंगलकारी हो।
आंडाल आईएंगर
Get your personalised horoscope based on your sign.